Thursday, March 26, 2015

बहुत ही रोचक तथ्य!

ईसाई धर्म ….एक ईसा मसीह, एक बाईबिल नामक धार्मिक ग्रन्थ…
लेकिन लैटिन कैथोलिक सीरियन कैथोलिक चर्च में प्रवेश नहीं करेगा।
ये दोनो मर्थोमा चर्च में प्रवेश नहीं करेगें।
ये तीनों पेंटेकोस्ट चर्च में प्रवेश नहीं करेगें।
ये चारों साल्वेशन आर्मी चर्च में प्रवेश नहीं करेगें।
ये पाँचों सातवें एडवेंटिस्ट चर्च में प्रवेश नही करेंगें।
ये छह आर्थोडाॅक्स चर्च में प्रवेश नहीं करेगें।
ये सातों जैकोबाइट चर्च में प्रवेश नहीं करेंगें।
इसी तरह केरल में ईसाई धर्म की 146 जातियाँ अलग थलग पडी हुईं हैं,
इनमे से प्रत्येक ईसाई जाति दुसरी ईसाई जाति के चर्चों का हिस्सा कभी नहीं बनेगी!
कितना शर्मनाक है..! एक ईसा मसीह, एक बाइबिल, एक ईसाई देवता ???


अब मुस्लिम ..! एक अल्लाह, एक कुरान, एक मुस्लिम ईष्ट ....! महान एकता?
सभी मुस्लिम देशों में शिया और सुन्नी मुसलमानों मे मारकाट मची हुई है।
लगभग सभी मुस्लिम देशों में इन दोनो संप्रदायों के बीच निरंतर धार्मिक दंगा हो रहा है।
शिया मुसलमान सुन्नी मस्जिद मे कभी नही जायेगा।
ये दोनो कभी अहमदिया मस्जिद मे नहीं जायेंगे।
ये तीनो कभी सूफी मस्जिद मे नहीं जायेंगे।
ये चारों कभी भी मुजाहिद्दीन मस्जिद मे नहीं जायेंगे।
इसी प्रकार से मुसलमानों में 13 जातियाँ हैं जो अपने से नीची मुस्लिम जाति की मस्जिद मे कभी नही जाते।
हत्या / बमबारी / विजय / नरसंहार / ... ये सब एक दूसरे के विरुद्ध निरंतर चलता रहता है मुस्लिम जातियों मे !
इराक पर अमेरिकी हमला पूरी तरह से इराक के आसपास के सभी मुस्लिम देशों के समर्थन से किया गया था।
एक अल्लाह, एक कुरान, एक मुस्लिम ईष्ट ....????
हिन्दु -
हिन्दु धर्म मे लगभग 1,280 धार्मिक पुस्तकें, 10,000 धार्मिक व्याख्यात्मक,और एक लाख से अधिक उप-व्याख्यात्मक है जो कि हिन्दु धर्म का आधार है,इनमे एक एक भगवान की अनगिनत प्रस्तुतियाँ , आचार्यों की विविधता, हजारो ऋषि, सैकडो भाषाऐं हैं।
फिर भी सभी हिन्दु ,सभी प्रकार के मंदिरों मे जाते हैं और वे शांतिपूर्ण और सहिष्णु हैं
और जो भी पूजा पाठ मे आमंत्रित करते हैं उनके साथ एक भाव के साथ शांतिपूर्वक प्रार्थना करते हैं फिर चाहे भगवान कोई भी हों।
पिछले दस हजार सालों मे हिन्दु कभी भी धर्म के नाम पर नही झगडे..

3 comments:

  1. हिंदू धर्म में सैकडो धार्मिक एव संस्कृत भाषा में लिखी किताबें जिन्हें ब्राह्मण जाती छोडकर किसी को पढने का हक्क नहीं... शुद्र इन्हें पढते अगर सुनते भी तो इसे घोर पाप अपराध मानकर उन्हें कठोर से कठोर शिक्षा दि जाती है..फिर भी हिंदू धर्म दयालू !!!

    हजारों वर्षों में दलितों एवं शुद्रों को मंदिर प्रवेश पूरी तरह वर्जीत था और अनेक मंदिरों में आज भी है.. जहॉ बोर्ड भी लिखे होते "शुद्र मंदिर में प्रवेश न करे".. फिर भी हिंदू धर्म महान !!!


    आज हजारों जातीयों मे बिखरा पडा हुआ हिंदू व्यक्ति किसी अन्य जाती के व्यक्ति से विवाह नहीं कर सकता... सवर्ण और ब्राह्मण की लडकी या लडकी अगर निचली जाती के व्यक्ति से विवाह करते है तो उनका बहिष्कार किया जातै है या फ्र मार दिया जाता है... फिर भी हिंदू धर्म आधुनिक!!!

    हिंदू धर्म कर्मकांड, अंधश्रद्धा, एवं काल्पनिक ईश्वर में आत्था, जातीवाद, चातुरवर्ण, और अन्य कुरूतीयोका समर्थन करता है फिर भी कहते हो गर्व है खूद को हिंदू कहने मैं...

    जिस धर्म का संस्थापक कोई नहीं, जो धर्म पहले सभ्यता था जिसका नाम (हिंदू) किसी हिंदू धर्म में नहीं है.. जो सिर्फ गुलामी प्रदान करता है..

    हिंदू धर्म एक एसा धर्म है जो पत्थर को ईश्वर और इंसान को नीच समजता है...
    हिंदू धर्म एक एसा धर्म है जो दलित इंसान का संवर्णो के स्पर्श से भ्रष्ट होता है... और गाय के से मुत्र पवित्र होता !!

    एसी विचारशिलता रखने वाला धर्म नहीं बल्कि बडा रोग है..

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    1. महाभारत और रामायण भी शुद्रों ने ही लिखी है मगर रिज़र्वेशन के बल पर नही और न कभी पहले इतना छुआ छूत था । इसको तो बनाया गया हिंदुओं के बीच बैर फैलाने के लिए ।

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  2. every hindu from whatever caste should support in Eradicate aforesaid malpractices from our religion. There should be no varnas. We all are hindus and India is our country.

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