१.ये किसी भी देश मे रहे इनको उस देश का संविधान नहीं पालन करना इनको शरिया चाहिए |
२.इनसे आप शिक्षा, स्वास्थ विज्ञान इत्यादि मे सहयोग कि आशा छोड़ दे | अपितु पढ़ाई लिखाई कि ही आशा छोड़ दे जब तक के पढ़ाई कुरआन कि ना हों | ये उतना ही अनाज खाते है जगह घेरते है संसाधनों को खर्च करते है जितना के कोई डॉक्टर या इंजीनियर वैज्ञानिक कृषक जो समाज और राष्ट्र कि उन्नति के लिए स्थान और भोजन लेते है पर इनका योगदान अपराध के उद्योग मे ही अधिक रहता है |
३.नकली नोटों का व्यवसाय, चरस अफीम का उद्योग हथियारों कि तस्करी मे आप इनके लोगो को देखेंगे |
४.आबादी बढाना इनका प्रमुख ध्येय होता है | इन्हें परवाह नही के ये बच्चो को पढा पाएंगे के नहीं पर थोक के भाव बच्चे पैदा करते है |
५.मानवीय संवेदनाओ का अभाव इनमे रहता है पशुओ के प्रति क्रूरता इनमे रहती है और इनका उत्सव ही खून से संपन्न होता है | जब किसी निर्दोष जानवर का करूँण क्रिंदन होता है तो इनका उत्साह प्रबल होता है |
६.झगडा करना इनके स्वाभाव मे होता है | छोटी-२ बातो पर झगडा करते है और वो बात इतनी बढ़ जाती है के दंगो का रूप ले लेती है | जब दूसरा पक्ष जवाब दे तो ये दुम दबा कर भागते है और इतना रोना रोते है के सरकारी नुक्सान जो यही करते है पर सरकार से सबसे अधिक मुवावजा भी यही लेते है |
७.कसाई घर ये लोग चलाते है अन्न तो उत्पादित करना नहीं पर जो जानवर अन्न खा कर दूध दे या गोबर देकर इधन दे उसकी उसके चमड़े और मांस के लिए हत्या कर देते है | चमड़ा तो मरने के बाद भी मिल सकता है | चमड़े के शोधन से नदिया दूषित होती है और नदियो के साफ़ करने मे हजारों करोड कि योजनाये चलाई जाती है|
८. इनके लिए ना अपनी बहु,बहन, बेटियों का सम्मान है ना दूसरों का अपराध मे छेड़खानी मे तो रहते ही है बुआ मामा के बच्चों तक मे शादी कर देते है | इस प्रकार मानव जाती के जींस दूषित कर देते है |
९.लव जिहाद से ना केवल लड़किया दूषित करते है देह व्यापार मे भी लडकियो को ढकेला जाता है | आपकी बहन बेटिया इनके रहते सुरक्षित नहीं |
१०.जब आबादी और बढ़ जाती है तो सीधे बम से किसी को भी मारने लगते है एक तरह से स्पष्ट पागलपन जिसको प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन देते ही है |
११.ये ये तो चाहते है के दूसरे इनके धार्मिक विश्वास का आदर करे पर ये सुबह से शाम तक हिन्दुओ को या अन्य ईश्वर मानने वालो को ५ बार गाली देते है | अल्लाह ईश्वर है ये भी कहा जा सकता था पर अल्लाह के सिवाय कोई ईश्वर नहीं ये खुले आम कह कर हिन्दुओ के विश्वास को गलत कहते है |
१२.इनके जीवन का एक ही लक्षय रहता है इस्लाम का विस्तार चाहे तलवार से हों या लव जिहाद से या आबादी बढ़ा कर | एक बार देश कि राज सत्ता मे इनका कब्ज़ा हों गया | कट्टर हों या भाई जान कर के बात करने वाले सब दूसरे समाजो के खात्मे मे लग जाते है |
अब प्रश्न ये उठता है के इस प्रकार इन्हें बढ़ने देकर इनको निरंकुश बढ़ने कि स्वतंत्रता दे कर सामाजिक आत्म हत्या करने का क्या मतलब है ? हमारे गृहमंत्री के बारे मे हिंदू जन जाग्रति से पता चला के वे तो लव जिहाद क्या है जानते ही नही | आबादी वृद्धि दर मे दुगना होना भी उन्हें नही पता होगा | खैर जापान से हमारे प्रधान मंत्री जो कुछ लाये हों क्या वे कुछ वह के जैसे नियम लायेंगे जैसे जापान ने मुस्लिमो पर लगाए है या जैसे चीन ने या रूस ने नियंत्रण किया है | इस प्रकार से भारत मे २५ करोड मुसलमानों को अल्संख्यक के नाम पर सुविधाए देकर बिना ये देखे के वो देश को क्या योगदान दे रहे है सिर्फ देश को इस्लामीकरण कि ओर ले जाना है | यदि सरकार ने सख्त कदम नही उठाये तो इराक मे याजिदी का जो कत्लेआम हुआ है वो भारत मे इस से भी बुरा होगा | मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज से यही कहा था के तुम मुर्ख हों जो मुझे ७ बार छोड़ दिया मै तुम्हारी तरह मुर्ख नही | ईश्वर जाने कब राजनेताओ मे साहस आयेगा और वो सच मे देश रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएंगे | सभ्य समाज इन्हें क्यों बर्दास्त करे ये हमारी समझ से बाहर है किसी और के पास कारण हों तो बताये ?
२.इनसे आप शिक्षा, स्वास्थ विज्ञान इत्यादि मे सहयोग कि आशा छोड़ दे | अपितु पढ़ाई लिखाई कि ही आशा छोड़ दे जब तक के पढ़ाई कुरआन कि ना हों | ये उतना ही अनाज खाते है जगह घेरते है संसाधनों को खर्च करते है जितना के कोई डॉक्टर या इंजीनियर वैज्ञानिक कृषक जो समाज और राष्ट्र कि उन्नति के लिए स्थान और भोजन लेते है पर इनका योगदान अपराध के उद्योग मे ही अधिक रहता है |
३.नकली नोटों का व्यवसाय, चरस अफीम का उद्योग हथियारों कि तस्करी मे आप इनके लोगो को देखेंगे |
४.आबादी बढाना इनका प्रमुख ध्येय होता है | इन्हें परवाह नही के ये बच्चो को पढा पाएंगे के नहीं पर थोक के भाव बच्चे पैदा करते है |
५.मानवीय संवेदनाओ का अभाव इनमे रहता है पशुओ के प्रति क्रूरता इनमे रहती है और इनका उत्सव ही खून से संपन्न होता है | जब किसी निर्दोष जानवर का करूँण क्रिंदन होता है तो इनका उत्साह प्रबल होता है |
६.झगडा करना इनके स्वाभाव मे होता है | छोटी-२ बातो पर झगडा करते है और वो बात इतनी बढ़ जाती है के दंगो का रूप ले लेती है | जब दूसरा पक्ष जवाब दे तो ये दुम दबा कर भागते है और इतना रोना रोते है के सरकारी नुक्सान जो यही करते है पर सरकार से सबसे अधिक मुवावजा भी यही लेते है |
७.कसाई घर ये लोग चलाते है अन्न तो उत्पादित करना नहीं पर जो जानवर अन्न खा कर दूध दे या गोबर देकर इधन दे उसकी उसके चमड़े और मांस के लिए हत्या कर देते है | चमड़ा तो मरने के बाद भी मिल सकता है | चमड़े के शोधन से नदिया दूषित होती है और नदियो के साफ़ करने मे हजारों करोड कि योजनाये चलाई जाती है|
८. इनके लिए ना अपनी बहु,बहन, बेटियों का सम्मान है ना दूसरों का अपराध मे छेड़खानी मे तो रहते ही है बुआ मामा के बच्चों तक मे शादी कर देते है | इस प्रकार मानव जाती के जींस दूषित कर देते है |
९.लव जिहाद से ना केवल लड़किया दूषित करते है देह व्यापार मे भी लडकियो को ढकेला जाता है | आपकी बहन बेटिया इनके रहते सुरक्षित नहीं |
१०.जब आबादी और बढ़ जाती है तो सीधे बम से किसी को भी मारने लगते है एक तरह से स्पष्ट पागलपन जिसको प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष समर्थन देते ही है |
११.ये ये तो चाहते है के दूसरे इनके धार्मिक विश्वास का आदर करे पर ये सुबह से शाम तक हिन्दुओ को या अन्य ईश्वर मानने वालो को ५ बार गाली देते है | अल्लाह ईश्वर है ये भी कहा जा सकता था पर अल्लाह के सिवाय कोई ईश्वर नहीं ये खुले आम कह कर हिन्दुओ के विश्वास को गलत कहते है |
१२.इनके जीवन का एक ही लक्षय रहता है इस्लाम का विस्तार चाहे तलवार से हों या लव जिहाद से या आबादी बढ़ा कर | एक बार देश कि राज सत्ता मे इनका कब्ज़ा हों गया | कट्टर हों या भाई जान कर के बात करने वाले सब दूसरे समाजो के खात्मे मे लग जाते है |
अब प्रश्न ये उठता है के इस प्रकार इन्हें बढ़ने देकर इनको निरंकुश बढ़ने कि स्वतंत्रता दे कर सामाजिक आत्म हत्या करने का क्या मतलब है ? हमारे गृहमंत्री के बारे मे हिंदू जन जाग्रति से पता चला के वे तो लव जिहाद क्या है जानते ही नही | आबादी वृद्धि दर मे दुगना होना भी उन्हें नही पता होगा | खैर जापान से हमारे प्रधान मंत्री जो कुछ लाये हों क्या वे कुछ वह के जैसे नियम लायेंगे जैसे जापान ने मुस्लिमो पर लगाए है या जैसे चीन ने या रूस ने नियंत्रण किया है | इस प्रकार से भारत मे २५ करोड मुसलमानों को अल्संख्यक के नाम पर सुविधाए देकर बिना ये देखे के वो देश को क्या योगदान दे रहे है सिर्फ देश को इस्लामीकरण कि ओर ले जाना है | यदि सरकार ने सख्त कदम नही उठाये तो इराक मे याजिदी का जो कत्लेआम हुआ है वो भारत मे इस से भी बुरा होगा | मोहम्मद गौरी ने पृथ्वीराज से यही कहा था के तुम मुर्ख हों जो मुझे ७ बार छोड़ दिया मै तुम्हारी तरह मुर्ख नही | ईश्वर जाने कब राजनेताओ मे साहस आयेगा और वो सच मे देश रक्षा के लिए ठोस कदम उठाएंगे | सभ्य समाज इन्हें क्यों बर्दास्त करे ये हमारी समझ से बाहर है किसी और के पास कारण हों तो बताये ?
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