ताजमहल
को हमेशा प्यार की निशानी के तौर पर प्रस्तुत किया जाता ह और, हमें बताया
जाता है क शाहजहाँ ने अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में इसे बनवाया था !
लेकिन ये सब बताते हुए बहुत ही सफाई से शाहजहाँ और मुमताज की सच्चाई हमसे छुपा ली जाती ह ताकि, किसी को सच का आभास तक ना हो पाए !
आप यह जानकर हैरान हो जायेंगे क मुमताज का नाम मुमताज महल था ही नह बल्कि... उसका असली नाम ""मुमताज - उल - ज़मानी"" था !
और तो और जिस शाहजहाँ और मुमताज के प्यार की इतनी डींगे हांकी जाती ह वो शाजहाँ की ना तो पहली पत्नी थ ना ही आखिरी !
मुमताज शाहजहाँ की सात बीबियों में चौथी थी !
इसका मतलब है क शाहजहाँ ने मुमताज से पहले 3 शादियाँ कर रखी थ और, मुमताज से शादी करने के बाद भ उसका मन नहीं भर तथ उसके बाद भी उस ने 3 शादियाँ और की !
क्या कोई मुझे समझा सकता है क अगर शाहजहाँ को मुमताज से इतना ही प्यार था त मुमताज से शादी के बाद भी शाहजहाँ न 3 और शादियाँ क्यों की ?
चलते चलते आप यह भी जान लो क शाहजहाँ की सातों बीबियों में सबसे सुन्दर मुमताज नहीं बल्क इशरत बानो थ जो कि उसकी पहली पत्नी थी !
उस से भी घिनौना तथ्य यह है क शाजहाँ से शादी करते समय मुमताज कोई कुंवारी लड़की नहीं थ बल्क वो शादीशुदा थ और, उसका पति शाहजहाँ की सेना में सूबेदार थ जिसका नाम ""शेर अफगान खान "" था!
शाहजहाँ ने 'शेर अफगान खान' की हत्या कर मुमताज से शादी की थी !
साथ ही यह भी गौर करने लायक बात यह कि मुमताज की मौत कोई बीमारी या एक्सीडेंट से नहीं बल्क उसकी चौदहवीं प्रसव के दौरान अत्यधिक कमजोरी के कारण हुई थ और, मरते समय उसकी उम्र लगभग 38 साल की थी !
साथ ही.. यह जानकर आपकी मुंह खुला का खुला रह जायेगा क शाहजहाँ का अपनी ही सगी बेटी ""जहाँआरा "" के साथ भी यौन सम्बन्ध थे !
सिर्फ इतना ही नह शाहजहाँ ने अपनी बेटी जहाँआरा की मदद से मुमताज के भाई शाइस्ता खान की बीबी के साथ कई बार बार बलात्कार किया था !
शाहजहाँ के प्यार का अंदाजा इसी बात से लगे जा सकता है क उसके अपनी सगी बेट मुमताज के भाई की बीब के अलावा उसकी बहन फरजाना बेगम के साथ भी अवैध सम्बन्ध थ और, फरजाना से शाहजहाँ क एक बेटा भी थी !
साथ ह मुमताज की मौत के महज एक हफ्ते के अन्दर ह उसकी बहन फरजाना से शादी कर ली थी !
अब आप खुद ही सोचें क क्यों ऐसे बदचलन और दुश्चरित्र इंसान क प्यार की निशानी समझा कर महान बताया जाता है ?
क्या ऐसा दुश्चरित्र और बदचलन इंसान कभी किसी से प्यार कर सकता ह या, फिर उसकी यादगार बनवा सकता है ??
दरअसल ताजमहल और प्यार की कहानी इसीलिए गढ़ी गयी है क लोगों को गुमराह किया जा सक और लोगों खास कर हिन्दुओं से छुपायी जा सके क ताजमहल कोई प्यार की निशानी नह बल्क महाराज जय सिंह द्वारा बनवाया गय भगवान् शिव का मंदिर ""तेजो महालिया"" है....!
दिखावे पर मत जाओ हिन्दुओ अपनी अक्ल लगाओ !
लेकिन ये सब बताते हुए बहुत ही सफाई से शाहजहाँ और मुमताज की सच्चाई हमसे छुपा ली जाती ह ताकि, किसी को सच का आभास तक ना हो पाए !
आप यह जानकर हैरान हो जायेंगे क मुमताज का नाम मुमताज महल था ही नह बल्कि... उसका असली नाम ""मुमताज - उल - ज़मानी"" था !
और तो और जिस शाहजहाँ और मुमताज के प्यार की इतनी डींगे हांकी जाती ह वो शाजहाँ की ना तो पहली पत्नी थ ना ही आखिरी !
मुमताज शाहजहाँ की सात बीबियों में चौथी थी !
इसका मतलब है क शाहजहाँ ने मुमताज से पहले 3 शादियाँ कर रखी थ और, मुमताज से शादी करने के बाद भ उसका मन नहीं भर तथ उसके बाद भी उस ने 3 शादियाँ और की !
क्या कोई मुझे समझा सकता है क अगर शाहजहाँ को मुमताज से इतना ही प्यार था त मुमताज से शादी के बाद भी शाहजहाँ न 3 और शादियाँ क्यों की ?
चलते चलते आप यह भी जान लो क शाहजहाँ की सातों बीबियों में सबसे सुन्दर मुमताज नहीं बल्क इशरत बानो थ जो कि उसकी पहली पत्नी थी !
उस से भी घिनौना तथ्य यह है क शाजहाँ से शादी करते समय मुमताज कोई कुंवारी लड़की नहीं थ बल्क वो शादीशुदा थ और, उसका पति शाहजहाँ की सेना में सूबेदार थ जिसका नाम ""शेर अफगान खान "" था!
शाहजहाँ ने 'शेर अफगान खान' की हत्या कर मुमताज से शादी की थी !
साथ ही यह भी गौर करने लायक बात यह कि मुमताज की मौत कोई बीमारी या एक्सीडेंट से नहीं बल्क उसकी चौदहवीं प्रसव के दौरान अत्यधिक कमजोरी के कारण हुई थ और, मरते समय उसकी उम्र लगभग 38 साल की थी !
साथ ही.. यह जानकर आपकी मुंह खुला का खुला रह जायेगा क शाहजहाँ का अपनी ही सगी बेटी ""जहाँआरा "" के साथ भी यौन सम्बन्ध थे !
सिर्फ इतना ही नह शाहजहाँ ने अपनी बेटी जहाँआरा की मदद से मुमताज के भाई शाइस्ता खान की बीबी के साथ कई बार बार बलात्कार किया था !
शाहजहाँ के प्यार का अंदाजा इसी बात से लगे जा सकता है क उसके अपनी सगी बेट मुमताज के भाई की बीब के अलावा उसकी बहन फरजाना बेगम के साथ भी अवैध सम्बन्ध थ और, फरजाना से शाहजहाँ क एक बेटा भी थी !
साथ ह मुमताज की मौत के महज एक हफ्ते के अन्दर ह उसकी बहन फरजाना से शादी कर ली थी !
अब आप खुद ही सोचें क क्यों ऐसे बदचलन और दुश्चरित्र इंसान क प्यार की निशानी समझा कर महान बताया जाता है ?
क्या ऐसा दुश्चरित्र और बदचलन इंसान कभी किसी से प्यार कर सकता ह या, फिर उसकी यादगार बनवा सकता है ??
दरअसल ताजमहल और प्यार की कहानी इसीलिए गढ़ी गयी है क लोगों को गुमराह किया जा सक और लोगों खास कर हिन्दुओं से छुपायी जा सके क ताजमहल कोई प्यार की निशानी नह बल्क महाराज जय सिंह द्वारा बनवाया गय भगवान् शिव का मंदिर ""तेजो महालिया"" है....!
दिखावे पर मत जाओ हिन्दुओ अपनी अक्ल लगाओ !
thanks for the blog
ReplyDelete